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Senior Citizens Schemes: बुजुर्गों के लिए रामबाण हैं ये 13 सरकारी योजनाएं, पेंशन से लेकर रहना-खाना और इलाज फ्री

Published On: November 17, 2025
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Senior Citizens Schemes: बुजुर्गों के लिए रामबाण हैं ये 13 सरकारी योजनाएं, पेंशन से लेकर रहना-खाना और इलाज फ्री

Senior Citizens Schemes: भारत इस समय जनसांख्यिकीय परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है. अनुमान है कि 2036 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 23 करोड़ से अधिक हो जाएगी. इसका मतलब यह है कि भारत का हर 7वां आदमी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हो जाएगा. यह बदलाव बुजुर्गों की सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सुदृढ़ नीतियों और योजनाओं की जरूरत को दर्शाता है. इसी दिशा में केंद्र सरकार ने कई ऐसी प्रमुख योजनाएं लागू की हैं, जो वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करती हैं. ऐसी करीब 13 सरकारी योजनाएं हैं, जो बुजुर्गों को सुदृढ़ बना रही हैं. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

Senior Citizens Schemes:

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और बढ़ती जीवन प्रत्याशा ने भारत में औसत उम्र को बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ ही नई चुनौतियां भी सामने आई हैं. इनमें स्वास्थ्य और दीर्घकालिक चिकित्सा खर्च, सामाजिक अलगाव, वित्तीय सुरक्षा, डिजिटल विभाजन के साथ-साथ विकलांगता और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं. इसलिए सरकार का उद्देश्य बुजुर्गों को ‘सिल्वर इकोनॉमी’ का हिस्सा बनाते हुए उन्हें समाज में सक्रिय, सुरक्षित और सम्मानित बनाए रखना है.

डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियां
शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं में अंतर
लंबे समय तक देखभाल की कमी
वृद्धाश्रम और जेरियाट्रिक सुविधाओं की कमी
सामाजिक सुरक्षा का अभाव
पेंशन कवरेज सीमित
बढ़ते चिकित्सा और रहने के खर्च
अकेलापन और जीवनसाथी की कमी
पारिवारिक ढांचे में बदलाव
उपेक्षा या उत्पीड़न की बढ़ती घटनाएं
डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल कठिन
सार्वजनिक स्थानों में रैंप, रेलिंग, सुलभ शौचालयों की कमी
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अटल पेंशन योजना (एपीवाई): यह योजना 18 से 40 साल आयु वर्ग के नागरिकों को 60 वर्ष की उम्र के बाद 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की गारंटीड मासिक पेंशन प्रदान करती है. निधन के बाद पेंशन जीवनसाथी को मिलती है. इस योजना का लाभ 8 करोड़ से अधिक नागरिकों को मिल रहा है.
अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई): सरकार का यह व्यापक कार्यक्रम बुजुर्गों के कल्याण के लिए बनाया गया है. इसमें सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य समर्थन सुनिश्चित किया जाता है.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएसआरसी): इस योजना के तहत बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम, मोबाइल मेडिकेयर यूनिट, डे केयर और सतत देखभाल केंद्र स्थापित किए जाते हैं. इस समय देश में करीब 696 वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो गरीब बुजुर्गों को मुफ्त भोजन, चिकित्सा और देखभाल उपलब्ध कराते हैं.
राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई): इस योजना के तहत बुजुर्गों को उम्र-संबंधी विकलांगताओं के लिए मुफ्त उपकरण दिए जाते हैं. इनमें वॉकर, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र और डेंचर शामिल हैं. यह योजना बीपीएल परिवारों और 15,000 रुपये से कम आय वालों के लिए है.
बुजुर्ग हेल्पलाइन – 14567 (एल्डरलाइन): देशभर के वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए यह हेल्पलाइन संचालित की जा रही है. इसके जरिए उन्हें कानूनी परामर्श, पारिवारिक उत्पीड़न से सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारियां मुहैया कराई जाती हैं.
सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई): यह प्लेटफॉर्म स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करता है, जो बुजुर्गों के लिए नई सेवाएं डेवलप करते हैं. सरकार प्रति परियोजना 1 करोड़ रुपये तक की सहायता देती है.
एसएसीआरईडी पोर्टल: 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद घर से काम कर सकते हैं. इसके अलावा, उन्हें परामर्श और कौशल आधारित नौकरियां भी दी जा सकती है. यह पोर्टल बुजुर्गों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है.
वृद्धावस्था देखभालकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम: यह कार्यक्रम बुजुर्गों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित केयरगिवर तैयार करता है. 32 संस्थानों ने 2023–24 में 36,785 केयरगिवर प्रशिक्षित किए हैं.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई): सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों के 70 वर्ष से अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार प्रदान किया गया है. 40 लाख से अधिक बुजुर्ग लाभार्थी नामांकित हो चुके हैं.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस): इस योजना के तहत बीपीएल परिवार के 60 से 79 साल तक आयु वर्ग के बुजुर्गों हर महीने 200 रुपये और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 500 रुपये पेंशन दी जाती है. इस योजना के माध्यम से देश करीब 2.21 करोड़ बुजुर्ग लाभ उठा रहे हैं.
राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई): यह कार्यक्रम देश के सभी 713 जिलों में चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से बुजुर्गों को जेरियाट्रिक वार्ड, फिजियोथेरेपी, ओपीडी सेवाएं और 10-बिस्तर वाले वृद्ध वार्ड की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यह कार्यक्रम बुजुर्गों को व्यापक और सस्ते उपचार की सुविधा देता है.
वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एससीडब्ल्यूएफ): यह कोष उन योजनाओं को समर्थन देता है, जो बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा, आवास और स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करती हैं. यह बिना दावे वाली पीएफ, एलआईसी, बचत खातों जैसी राशि से संचालित होता है.
सामाजिक और सामुदायिक सहायता कार्यक्रम: इन कार्यक्रमों के तहत बुजुर्गों के लिए डे-केयर सेंटर, सामुदायिक गतिविधियां और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, ताकि वे समाज से जुड़े रहें और अकेलापन कम हो.

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